Page 59 - Confluence
P. 59

Jaspal Kaur Public School  | 2020-21                                             59


                                                          े
                                                                                         ं
                                                                              ै
    क्या आपन कभी िॉक्िर को स्ि ू -ड्राईव से ऑपरशन करते िखा ह? ककसी इिीतनयर को
                                                                        े
                 े
       े
                                     े
                                           ै
    स्िथोस्कोप से सड़क बनाते िखा ह? यदि नहीं तो यह अिूबा सशक्षकों ने कर दिखाया।
                                                                            ँ
    सारा िीवन चौक और िस्िर तघसने वाले हाथों ने लैपिॉप पर उगसलयाँ िौड़ानी सीख ही
                                            े
                                                             े
                                                                                            े
    लीं। सोधचए उन  वररष्ठ सशक्षकों क बार में जिनक सलए यह सबक ु छ शून्य स शुऱू करन
                                                  े
                                                                                                        े
                                                                    े
                                                                                े
    िैसा था।  यह तकनीक का वह नया इलाका था, जिसस हम पहल कभी न गुिर थे।
                                                                                                े
                                        े
    अपनी िीविता और कमदठता क बल पर इन चुनौततयों को पार करता हआ सशक्षक ककसी
                                                                                      ु
    वॉररयर से कम नहीं था।
    “क ु छ लोग थ कक वक़्त क स ाँचे में ढल गए
                   े
                                 े
    क ु छ लोग थ कक वक़्त क स ाँचे बदल गए” (मख़मूर सईद )
                                े
                  े
                                                                    े
                े
                                                  े
                                               े
    महामारी क इस समय में सशक्षक होन क नाते सशक्षण क अलावा चार और चुनौततयाँ
    हमार सामने थीं :
          े
    •    ववद्याधथदयों की ऊिाद को सकारात्मक ऱूप िना :  िब स्क ू ल और सशक्षक िोनों से
                                                          े
         छ ु ट्िी समल िाए तो मस्ती का आलम आप समझ ही सकते हैं। इसी मस्ती की
         पाठशाला में सीखन-ससखाने का छौंक लगाया क्लब्स, कफि इडिया, नृत्य, संगीत, योग,
                                                                             ं
                              े
         धचत्रकला िैसी गततववधधयों ने।
    •    ववद्याधथदयों को समय और पररजस्थततयों क अवसाि (डिप्रेशन) से बचाना : इस कदठन
                                                        े
                                                        े
                                                    े
         समय में अपन नन्हें फ ू लों को मुरझान स बचाना हमारा कतदव्य था। इसमें सशक्षकों
                         े
                                                                                      ं
                                ं
         द्वारा आयोजित काउसससलंग सेशन, वन िू वन कॉल िैसी कोसशशें रग लायीं।
     •   मूल्यांकन प्रकिया : यह एक तरफ़ अपनी त्रुदियों को िानन, समझने और ठीक करने
                                                                            े
           े
         क सलए िऱूरी ह, वहीं िूसरी तरफ़ स्वस्थ प्रततस्पद्धा का िन्म भी इसी से होता ह।
                                                                                                       ै
                            ै
                                                                   द
                                                                                े
                                      े
         इस प्रकिया क सलए हमन तैयार ककया गूगल फॉम्सद का वह सतु जिसक सहार हम
                                                                                          े
                        े
                                                                                                 े
         परीक्षा क भवसागर को पार कर सक।
                   े
                                                  े
     •   सशक्षक-असभभावक गठिोड़ : ववद्याथी-िीवन की नैया क िो खवैया हैं- पहला,
                                                                        े
                                                                                 े
                                                                                                  े
                                                          े
         असभभावक और िूसरा, सशक्षक। इन िोनों क मध्य सुर-ताल को बनाए रखने क सलए
         ऑनलाइन पीिीएम िैसे कायदिम आयोजित ककए गए।
   54   55   56   57   58   59   60   61   62   63   64